Indonesia Earthquake:में 5.6 तीव्रता के भूकंप से भारी तबाही,

भूकंप के झटकों के बाद राहत और बचाव कार्य की प्रक्रिया चलाई जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सियानजुर में भूस्खलन में फंसे 2 लोगों को बचा लिया, लेकिन तीसरे व्यक्ति की मौत हो गई।

22 नवंबर, 2022 को इंडोनेशिया के सियानजुर में 5.6 तीव्रता के भूकंप के बाद क्षतिग्रस्त हुए घरों से सामान निकालते ग्रामीण।

अभी हफ्ते भर पहले दुनिया के 20 ताकतवर देशों के हुक्मरान इंडोनेशिया के बाली में ये फलसफा कर रहे थे कि आखिर हम और भी मजबूत कैसे बनें. कुदरत का अपना हिसाब है, जो किसी जलजला लाने के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान के बनाये किसी भी कानून-कायदों की परवाह नहीं करती है. बल्कि ये अहसास कराती है कि अपनी औकात में रहना सीखो और अगर नहीं, तो फिर कुदरत की मार झेलने के लिए तैयार रहो.

इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में सोमवार को आए जबरदस्त भूकंप की वजह से 162 लोगों की मौत होने और एक हजार से भी ज्यादा लोगों के जख्मी होने के साथ ही न मालूम कितने लोगों के लापता होने की शुरुआती खबर है. हालांकि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5. 4 ही थी लेकिन उसका असर ऐसा जबरदस्त था कि भूकंप के बाद हुई तबाही का जो मंजर वहां के लोगों ने देखा है, वो बेहद डराने वाला था.

इसलिये चीन या भारत की आबादी के लिहाज़ से एक छोटा-सा मुल्क आज दुनिया की सारी बड़ी ताकतों के आगे उम्मीद की ये आस लगाये बैठा है कि वो उसकी मदद करने को आगे आएंगे. वैसे भी दुनिया के जिन 20 देशों के प्रमुख ने जी-20 शिखर सम्मेलन में वहां शिरकत की थी,उन सबका पहला फ़र्ज़ तो यही बनता है कि वे बिन मांगे इंडोनेशिया की हर तरीके से मदद करें. हालांकि फिलहाल अमेरिका समेत किसी भी देश की तरफ से ऐसा कोई ऐलान नहीं हुआ है कि वे भीषण तबाही झेलने वाले इस मुल्क को कैसे औऱ कितनी मदद पहुंचा रहे हैं.

बता दें कि इंडोनेशिया दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है जिसकी जनसंख्या 27 करोड़ से ज्यादा है. यहां लगभग 10 फीसदी ईसाई भी हैं लेकिन बड़ी बात ये भी है कि वहां तकरीबन पौने दो फीसदी हिंदू आबादी है, जो दुनिया के किसी भी इस्लामिक मुल्क में सबसे ज्यादा है. इसलिये वहां रामलीला का मंचन भी होता है और हर हिंदू त्योहार को पारंपरिक रूप से आज भी मनाया जाता है. यह दुनिया का इकलौता ऐसा देश है, जहां 17,508 द्वीप हैं.

साल 1945 में इटली के साम्राज्य से अलग होकर अपनी अलग पहचान बनाने वाले इस मुस्लिम राष्ट्र की करेंसी पर भगवान गणेश की तस्वीर छपी होती है, जो बहुतों के लिए कौतूहल का विषय भी है. दरअसल,जब इंडोनेशिया आर्थिक रूप से कमजोर होने लगा था,तब 1998 में सरकार में बैठे नीति-निर्माताओं को सुझा कि क्यों न अपनी करेंसी के सबसे बड़े यानी 20 हजार के नोट पर गणेशजी की तस्वीर छापकर देश में समृद्धि लाने का प्रयोग किया जाये. वहां की करेंसी को रूपियाह कहां जाता है. वहां 20 हजार के नोट के मुख्य भाग पर भगवान गणेश की तस्वीर है. जबकि नोट के पिछले हिस्से पर क्लासरूम की तस्वीर तस्वीर छपी है, जिसमें शिक्षक और स्टूडेंट्स हैं. जिस शिक्षक की तस्वीर नोट पर गणेश जी के साथ है वो इंडोनेशिया के पहले शिक्षा मंत्री हजर देवांत्रा हैं. सरकार का ये प्रयोग सफल हुआ और उसके बाद से इंडोनेशिया को किसी के आगे कटोरा फैलाने की जरुरत भी महसूस नहीं हुई. लोगों का मानना है कि तभी से वहां की अर्थव्यवस्था मजबूत होती चली गई.

एक और रोचक तथ्य ये भी है कि वहां की आर्मी का मैस्कॉट हनुमान जी हैं. इंडोनेशिया के एक फ़ेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर अर्जुन और श्री कृष्ण के साथ ही घटोत्कच की मूर्ति भी लगी हुई है. अपने नोट पर गणेश भगवान की तस्वीर छापने को लेकर एक तर्क ये भी दिया जाता है कि इंडोनेशिया के कुछ हिस्से कभी चोल वंश के शासन में थे, जब वहां कई मंदिरों का निर्माण किया गया था. ज्ञान, कला और विज्ञान के देवता के रूप में भगवान गणेश की स्थिति भी एक कारण हो सकती है कि उन्हें मुद्रा नोट पर चित्रित किया गया है.

बहरहाल,पश्चिमी जावा के जिस सियांजुर इलाके में इस भूकंप ने तबाही मचाई है, वहां के स्थानीय प्रशासन के मुताबिक अधिकांश मौतें एक अस्पताल में हुई हैं, जहां मरीज भर्ती थे और वह अस्पताल अब एक खंडहर में तब्दील हो चुका है.  बताया गया है कि शहर के सयांग अस्पताल में भूकंप के बाद बिजली नहीं थी, जिससे डॉक्टर पीड़ितों का तुरंत इलाज करने में असमर्थ हो गए. जिनमें कुछ मरीजों ने इलाज के आभाव में ही दम तोड़ दिया. मरीजों की भारी संख्या के कारण अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की तत्काल आवश्यकता थी,जो उस वक़्त नहीं मिल सकी.

इंडोनेशिया ने भारतीय इतिहास की प्राचीन संस्कृति व सभ्यता को जिस तरह से संजोये रखा है,उसे देखते हुए भारत का सबसे पहला फ़र्ज़ बनता है कि वो बिन मांगे उसकी हर संभव मदद करने से पीछे नहीं हटे.

इंडोनेशिया में अक्सर आते हैं भूकंप

विशाल द्वीपसमूह राष्ट्र में अक्सर भूकंप आते हैं, लेकिन जकार्ता में उन्हें महसूस करना असामान्य है। इंडोनेशिया 27 करोड़ से अधिक लोगों का एक विशाल द्वीपसमूह भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और सूनामी से अक्सर प्रभावित होता रहता है। मालूम हो कि इस साल फरवरी में पश्चिम सुमात्रा प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी और 460 से अधिक घायल हो हुए थे। जनवरी 2021 में पश्चिम सुलावेसी प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 6,500 लोग घायल हो गए थे।अधिक पढ़ने के लिए क्लिक करें!

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